Student Dedication Sunday
03-Aug-25 02:00 PM
Student Dedication Sunday
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Lectionary Theme: Holy Baptism: Uniting with Christ (Sixth Sunday after Pentecost)
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Joshua 3 First Lesson
1. दूसरे दिन सवेरे यहोशू और इस्राएल के सभी लोग उठे और शित्तीम को उन्होंने छोड़ दिया। उन्होंने यरदन नदी तक यात्रा की। उन्होंने पार करने के पहले यरदन नदी पर डेरे लगाए।
2. तीन दिन बाद प्रमुख लोग डेरों के बीच से होकर निकले।
3. प्रमुखों ने लोगों को आदेश दिये। उन्होंने कहा, “तुम लोग याजक और लेवीवंशियों को अपने परमेश्वर यहोवा के साक्षीपत्र का सन्दूक ले जाते हुए देखोगे। उस समय तुम जहाँ हो, उसे छोड़ोगे और उनके पीछे चलोगे।
4. किन्तु उनके बहुत निकट न रहो। लगभग एक हजार गज दूर उनके पीछे रहो। तुमने पहले इस ओर की यात्रा कभी नहीं की है। इसलिए यदि तुम उनके पीछे चलोगे, तो तुम जानोगे कि तुम्हें कहाँ जाना है।”
5. तब यहोशू ने लोगों से कहा, “अपने को पवित्र करो। कल यहोवा तुम लोगों का उपयोग चमत्कार दिखाने के लिये करेगा।”
6. तब यहोशू ने याजकों से कहा, “साक्षीपत्र के सन्दूक को उठाओ और लोगों से पहले नदी के पार चलो।” इसलिए याजकों ने सन्दूक को उठाया और उसे लोगों के सामने ले गए।
7. तब यहोवा ने यहोशू से कहा, “आज मैं इस्राएल के लोगों की दृष्टि में तुम्हें महान व्यक्ति बनाना आरम्भ करूँगा। तब लोग जानेंगे कि मैं तुम्हारे साथ वैसे ही हूँ जैसे मैं मूसा के साथ था।
8. याजक साक्षीपत्र का सन्दूक ले चलेंगे। याजकों से यह कहो, ‘यरदन नदी के किनारे तक जाओ और ठीक इसके पहले कि तुम्हारा पैर पानी में पड़े रूक जाओ।’”
9. तब यहोशू ने इस्राएल के लोगों से कहा, “आओ और अपने परमेश्वर यहोवा का आदेश सुनो।
10. यह इस बात का प्रमाण है कि साक्षात् परमेश्वर सचमुच तुम्हारे साथ है। यह इस बात का प्रमाण है कि वह तुम्हारे शत्रु कनान के लोगों हित्तियों, हिव्वियों, परिज्जियों, गिर्गाशियों, एमोरी लोगों तथा यबूसी लोगों को हराएगा और उन्हें उस देश को छोड़ने के लिए विवश करेगा।
11. प्रमाण यहाँ है। सारे संसार के स्वामी के साक्षीपत्र का सन्दूक उस समय तुम्हारे आगे चलेगा जब तुम यरदन नदी को पार करोगे।
12. अपने बीच से बारह व्यक्तियों को चुनो। इस्राएल के बारह परिवार समूहों में से हर एक से एक व्यक्ति चुनो।
13. याजक सारे संसार के स्वामी, यहोवा के सन्दूक को लेकर चलेंगे। वे उस सन्दूक को तुम्हारे सामने यरदन नदी में ले जाएंगे। जब वे पानी में घुसेंगे, तो यरदन के पानी का बहना रूक जायेगा। पानी रूक जाएगा और उस स्थान के पीछे बाँध की तरह खड़ा हो जाएगा।”
14. याजक लोगों के सामने साक्षीपत्र का सन्दूक लेकर चले और लोगों ने यरदन नदी को पार करने के लिए डेरे को छोड़ दिया।
15. (फसल पकने के समय यरदन नदी अपने तटों को डुबा देती है। अत: नदी पूरी तरह भरी हुई थी।) सन्दूक ले चलने वाले याजक नदी के किनारे पहुँचे। उन्होंने पानी में पाँव रखा।
16. और उस समय पानी का बहना बन्द हो गया। पानी उस स्थान के पीछे बांध की तरह खड़ा हो गया। नदी के चढ़ाव की ओर लम्बी दूरी तक पानी लगातार आदाम तक (सारतान के समीप एक नगर) ऊँचा खड़ा होता चला गया। लोगों ने यरीहो के पास नदी को पार किया।
17. उस जगह की धरती सूख गई याजक यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को नदी के बीच ले जाकर रूक गये। जब इस्राएल के लोग यरदन नदी को सूखी धरती से होते हुए चल कर पार कर रहे थे, तब याजक वहाँ उनकी प्रतीक्षा में थे।
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Acts 18:1-11 Second Lesson
1. इसके बाद पौलुस एथेंस छोड़ कर कुरिन्थियुस चला गया।
2. वहाँ वह पुन्तुस के रहने वाले अक्विला नाम के एक यहूदी से मिला। जो हाल में ही अपनी पत्नी प्रिस्किल्ला के साथ इटली से आया था। उन्होंने इटली इसलिए छोड़ी थी कि क्लौदियुस ने सभी यहूदियों को रोम से निकल जाने का आदेश दिया था। सो पौलुस उनसे मिलने गया।
3. और क्योंकि उनका काम धन्धा एक ही था सो वह उन ही के साथ ठहरा और काम करने लगा। व्यवसाय से वे तम्बू बनाने वाले थे।
4. हर सब्त के दिन वह यहूदी आराधनालयों में तर्क-वितर्क करके यहूदियों और यूनानियों को समझाने बुझाने का जतन करता।
5. जब वे मकिदुनिया से सिलास और तिमुथियुस आये तब पौलुस ने अपना सारा समय वचन के प्रचार में लगा रखा था। वह यहूदियों को यह प्रमाणित किया करता था कि यीशु ही मसीह है।
6. सो जब उन्होंने उसका विरोध किया और उससे भला बुरा कहा तो उसने उनके विरोध में अपने कपड़े झाड़ते हुए उनसे कहा, “तुम्हारा खून तुम्हारे ही सिर पड़े। उसका मुझ से कोई सरोकार नहीं है। अब से आगे मैं ग़ैर यहूदियों के पास चला जाऊँगा।”
7. इस तरह पौलुस वहाँ से चल पड़ा और तीतुस यूसतुस नाम के एक व्यक्ति के घर गया। वह परमेश्वर का उपासक था। उसका घर यहूदी आराधनालय से लगा हुआ था।
8. क्रिसपुस ने, जो यहूदी आराधनालय का प्रधान था, अपने समूचे घराने के साथ प्रभु में विश्वास ग्रहण किया। साथ ही उन बहुत से कुरिन्थियों ने जिन्होंने पौलुस का प्रवचन सुना था, विश्वास ग्रहण करके बपतिस्मा लिया।
9. एक रात सपने में प्रभु ने पौलुस से कहा, “डर मत, बोलता रह और चुप मत हो।
10. क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ। सो तुझ पर हमला करके कोई भी तुझे हानि नहीं पहुँचायेगा क्योंकि इस नगर में मेरे बहुत से लोग हैं।”
11. सो पौलुस, वहाँ डेढ़ साल तक परमेश्वर के वचन की उनके बीच शिक्षा देते हुए, ठहरा। पौलुस का गल्लियों के सामने लाया जाना
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Romans 5:20-21 Epistle
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Romans 6:1-8 Epistle
1. तो फिर हम क्या कहें? क्या हम पाप ही करते रहें ताकि परमेश्वर का अनुग्रह बढ़ता रहे?
2. निश्चय ही नहीं। हम जो पाप के लिए मर चुके हैं पाप में ही कैसे जियेंगे?
3. या क्या तुम नहीं जानते कि हम, जिन्होंने यीशु मसीह में बपतिस्मा लिया है, उसकी मृत्यु का ही बपतिस्मा लिया है।
4. सो उसकी मृत्यु में बपतिस्मा लेने से हम भी उसके साथ ही गाड़ दिये गये थे ताकि जैसे परमपिता की महिमामय शक्ति के द्वारा यीशु मसीह को मरे हुओं में से जिला दिया गया था, वैसे ही हम भी एक नया जीवन पायें।
5. क्योंकि जब हम उसकी मृत्यु में उसके साथ रहे हैं तो उसके जैसे पुनरुत्थान में भी उसके साथ रहेंगे।
6. हम यह जानते हैं कि हमारा पुराना व्यक्तित्व यीशु के साथ ही क्रूस पर चढ़ा दिया गया था ताकि पाप से भरे हमारे शरीर नष्ट हो जायें। और हम आगे के लिये पाप के दास न बने रहें।
7. क्योंकि जो मर गया वह पाप के बन्धन से छुटकारा पा गया।
8. और क्योंकि हम मसीह के साथ मर गये, सो हमारा विश्वास है कि हम उसी के साथ जियेंगे भी।
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John 3:1-8 Gospel
1. वहाँ फरीसियों का एक आदमी था जिसका नाम था नीकुदेमुस। वह यहूदियों का नेता था।
2. वह यीशु के पास रात में आया और उससे बोला, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू गुरु है और परमेश्वर की ओर से आया है, क्योंकि ऐसे आश्चर्यकर्म जिसे तू करता है परमेश्वर की सहायता के बिना कोई नहीं कर सकता।”
3. जवाब में यीशु ने उससे कहा, “सत्य सत्य, मैं तुम्हें बताता हूँ, यदि कोई व्यक्ति नये सिरे से जन्म न ले तो वह परमेश्वर के राज्य को नहीं देख सकता।”
4. नीकुदेमुस ने उससे कहा, “कोई आदमी बूढ़ा हो जाने के बाद फिर जन्म कैसे ले सकता है? निश्चय ही वह अपनी माँ की कोख में प्रवेश करके दुबारा तो जन्म ले नहीं सकता!”
5. यीशु ने जवाब दिया, “सच्चाई तुम्हें मैं बताता हूँ। यदि कोई आदमी जल और आत्मा से जन्म नहीं लेता तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं पा सकता।
6. माँस से केवल माँस ही पैदा होता है; और जो आत्मा से उत्पन्न हो वह आत्मा है।
7. मैंने तुमसे जो कहा है उस पर आश्चर्य मत करो, ‘तुम्हें नये सिरे से जन्म लेना ही होगा।’
8. हवा जिधर चाहती है, उधर बहती है। तुम उसकी आवाज़ सुन सकते हो। किन्तु तुम यह नहीं जान सकते कि वह कहाँ से आ रही है, और कहाँ को जा रही है। आत्मा से जन्मा हुआ हर व्यक्ति भी ऐसा ही है।”
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